अनरसे

A Plate of full Anarsa (A type of Maharashtrian Sweet), Maharashtra, India

अनरसे

अनरसे दो आकार के बनाए जाते हैं – गोल गोल लोइयाँ या चपटी टिक्कियाँ। दोनो ही प्रकार के अनरसे बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। यह दिवाली का विशेष पकवान है और मुख्यतः उत्तर भारत में प्रचलित है। तो आइये आज हम अनरसे बनाते हैं।

आवश्यक सामग्री:

  • छोटा चावल – 300 ग्राम ( 1.1/2 कप )
  • चीनी – 100 ग्राम ( आधा कप, बारीक पीस लें )
  • दही या दूध – 1 टेबल स्पून
  • घी – 2 टेबल स्पून
  • तिल – 2 टेबल स्पून
  • तलने के लिये – घी

विधि:

चावलों को साफ कीजिये और धोकर भिगो दीजिये (इन्हें 3 दिन तक भिगा कर रखना है और हर 24 घंटे बाद पानी बदलना है)।

अब चावलों को पानी से निकाल कर किसी साफ मोटे सूती कपड़े के पर फैला कर छाया में रख दीजिये। 1 – 1.1/2 घंटे में चावलों का पानी सूख जाता है (ध्यान रखें कि चावल पूरी तरह ना सूखें और थोड़े नम ही रहें)।

चावल को मिक्सी में पीस कर एक बर्तन में छान लीजिये और इस चावल के आटे में चीनी पाउडर और घी डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये। अब इस मिश्रण में मथी हुई दही या दूध डाल कर सख्त सा आटा गूथ लीजिये और 10 – 12  घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये ताकि वह सैट हो जाए।

कढ़ाई में घी गर्म कीजिये (घी केवल उतना ही डालें जितने में अनरसे अच्छी तरह डूब जाएं)।

गोल अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बनाइये और उन्हें तिल में लपेट कर कढ़ाई में डाल दीजिये (एक बार में आप 4-5 लोइयाँ कढ़ाई में आराम से तल सकते हैं)। अनरसों को कलछी से पलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये और जब ये अच्छे से तल जाएं तो इन्हें पेपर नैपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। गरमा गरम अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह बना लीजिये।

चपटे अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बना कर तिल में लपेटिये और फिर हथेली से दबाकर चपटा कर लीजिये। कढ़ाई में घी गर्म कीजिये और 4-5 टिक्कियाँ एक साथ डाल कर तल लीजिये। कलछी से पलट-पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तलिये और फिर पेपर नेपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। चपटे अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह से बना लीजिये।

अब इन अनरसों को गरमा गरम खाइये और जो बच जाएं उन्हें ठंडा करके कंटेनर में भरकर रख दीजिये और 15 दिन तक जब दिल चाहे खाइये।

सुझाव:

ध्यान रखें कि अनरसे तलते समय ना तो गैस ज्यादा धीमी रहे (धीमी आग पर तलने से अनरसे सख्त हो जाते हैं) और ना ज्यादा तेज़ (तेज आग पर वे अंदर से कच्चे रह जाते हैं)। गैस को मीडियम ही रखें। मीडियम गैस पर तलने से ना तो ये कच्चे रहेंगे और ना ही सख्त होंगे बल्कि बेहद स्वादिष्ट बनेंगे।