कामसूत्र-3डी

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कामसूत्र-3डी के ट्रेलर में शर्लिन चोपड़ा का बोल्ड और मादक अंदाज
बॉलीवुड की अदाकारा शर्लिन चोपड़ा की चर्चित और विवादित फिल्म कामसूत्र-3डी का पहला ट्रेलर जारी हो गया है। यह फिल्म जिस अंदाज में फिल्माई गई है उसे देखकर यह बेहद बोल्ड फिल्म कही जा सकती है। ऐसा लगता है कि निर्देशक रुपेश पॉल ने नाम के मुताबिक फिल्म को फिल्माने और बनाने की कोशिश की है जिसमें शर्लिन का अपने को स्टार के साथ बेहद बोल्ड और हॉट इंटिमेट सींस है। जब ट्रेलर ही इतना बोल्ड है तो फिल्म का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यह फिल्म हॉलीवुड की फिल्म पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन से बेहद प्रभावित नजर आती है।

फिल्म का पहले ट्रेलर में शर्लिन ने अपनी कामुक अदाओं से दर्शकों को मोहने का प्रयास कर रही हैं। इस फिल्‍म के ‌निर्देशक फिल्‍म का वर्ल्‍ड प्रीमियर अगले कान फिल्‍म समारोह में दिखाना चाहते हैं। माना जा रहा है कि यह फिल्म अगले साल 16 मई तक रिलीज हो सकती है।

टॉप 10 डेस्टिनेशन

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हनीमून के लिए टॉप 10 डेस्टिनेशन

 रीति-रिवाज, परंपराओं के साथ शहनाई की गूंज 15 नवंबर से एक बार फिर सुनाई देगी। न्यूली मैरिड कपल्स के लिए हनीमून की प्लानिंग खास होती है। ऐसे में इस बार अपनों की शादी की तैयारी में व्यस्त लोग इस मूमेंट को स्पेशल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

 हनीमून के लिए कौन सी जगह को चुना जाए, इसकी प्लानिंग कोई आसान काम नहीं है। किसी को पहाड़ और खूबसूरत लैंडस्केप से भरपूर हिल्स स्टेशन आकर्षित करते हैं तो कोई एडवेंचर से भरपूर डेस्टिनेशन की प्लानिंग करता है।

 हनीमून के लिए देश के अलावा कपल्स दुबई, यूरोप, थाइलैंड, सिंगापुर जाने की प्लांनिग करते हैं। न्यू ईयर और हनीमून के लिए दुबई अभी भी कपल की पहली पसंद बना हुआ है। भारत में हिमाचल हनीमून कपल्स की पहली पसंद बना हुआ है। हनीमून के दौरान वन वीक के ट्रिप पर इंडिया में केरल, कश्मीर जैसी जगहों पर जाने के लिए 50 हजार रुपए और सिंगापुर, मॉरीशस, दुबई की सैर के लिए लगभग 1 लाख रुपए तक का खर्चा आता है।

 1. लोनावला:

 मुंबई-पुणे मार्ग पर 104 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खंडाला-लोनावला दोनों एक-दूसरे से 5 किलोमीटर के अंतर पर है, जहां मुंबई से बस या टैक्सी द्रारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

 खंडाला से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है महाराष्ट्र का एक अन्य हिल स्टेशन लोनावला (लोणावळा)। पश्चिमी भारत में लोनावाला को झीलों का जिला कहते हैं, जिनमें लोनावला झील, तिगौती झील, मानसून झील और वाल्वन झील प्रमुख हैं।

 खासकर वाल्वन झील पर बना वाल्वन बांध एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है। देश की नामी कंपनी टाटा ने भी यहां अपनी कईं झीलें निर्मित की हैं जिनसे बिजली उत्‍पन्‍न की जाती है।

 लोनावला को सह्याद्रि पहाड़ियों का मणि और मुंबई-पुणे का प्रवेश द्वार भी कहते हैं। लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुशी डैम सैलानियों के बीच एक पिकनिक स्पॉट के तौर पर काफी लोकप्रिय है जबकि लोनावला के मुख्‍य बाजार के ठीक पीछे स्थित रेवुड पार्क एक खूबसूरत जैविक उद्यान है। लोनावला के आसपास कई किले भी देखने लायक हैं, जिनमें लौहगढ़, विशपुर, तुंग किला और तिकोना किला प्रमुख हैं। लौहगढ़ एक अपराजेय किले के तौर पर जाना जाता है, वहीं तिकोना किले के शिखर पर बौद्ध गुफा और जल कुंड हैं।

 इसके पास ही मौजूद पावना झील में तिकोना किले का प्रतिबिंब बेहद खूबसूरत दिखाई देता है जबकि तुंग किले की सुरक्षा प्राचीर से लौहगढ़, विशपुर, तिकोना किला और पावना झील का मनोहारी दृश्य बेहद सुंदर नजर आता है।

2. लोंडा:  

 यह कर्नाटक राज्य के बेलगाम जिले में स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह गोवा राज्य की सीमा पर लगता है। लोंडा शहर पश्चिमी घाटों के रूप में खास पहचान रखता है। यह रसीले सदाबाहर जंगलों से घिरा हुआ है। लोंडा स्टेशन धारवाड़ से गोवा जाने वाले रेलवे मार्ग पर स्थित है। खूबसूरत घाटों का ये शहर हनीमून के लिए एक दम परफेक्ट है।

4. दीव-दमन: 

 दमन और दीव मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रान्त है। यहां की राजधानी सिलवासा है। समुद्र तल से लगभग 6 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दीव एक छोटा सा द्वीप है, जहां प्रकृति ने अपने अनुपम सौन्दर्य की चादर चारों तरफ बिछा रखी है। तीन ओर सागर से घिरा एक छोटा सा द्वीप जहाँ लम्बे-लम्बे ताड़ और नारियल के लहराते वृक्ष, सागर की चंचल जल तरंगों का मधुर संगीत, तट पर बिखरी सागरीय सम्पदा और गुजरात काठियावड़ एवं पुर्तगालियों की मिली जुली सांस्कृतिक विरासत बरबस ही मन मस्तिष्क पर एक अमिट प्रभाव छोड़ती है। दीव का नाम आते ही लोग सोचने लगते हैं कि यह दमन का ही एक भाग है, जबकि सत्यता यह है दीव गुजरात के वेरावल बंदरगाह के निकट काठियावाड़ के समुद्र तट से थोड़ा सा दूर अवस्थित है। इसकी उत्तरी सीमाएं गुजरात के जूनागढ़ और अमरेली जिला के साथ मिलती हैं। जबकि दमन मुम्बई के तटीय इलाके से लगभग 190 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, इस तरह दमन और दीव के बीच लगभग 768 कि.मी. की दूरी है

5. ऊटी: 

 यदि आपको प्राकृतिक स्थानों की सैर करने में आनंद आता है तो ऊटी से अच्छी जगह आपके लिए कोई और नहीं। यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां आपको बांधकर रख लेती हैं।

 पहाड़ों की रानी ऊटी - नीलगिरी जिले की राजधानी है, इसे उद्‍गमंडल के नाम से भी जाना जाता है। नीलगिरी का अर्थ है- नीला पहाड़, शायद हरे-भरे पहाड़ों के कारण इसे यह नाम दिया गया है। यह समुद्र तल से 2240 मीटर की ऊंचाई पर है। जब आप कल्लार से कुनूर जाते हैं तो आपको रास्ते में पेड़-पौधों में तथा मौसम में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलता है।

6 नैनीताल: 

 चारों तरफ से पहाड़ियों व जंगल से घिरे नैनीताल की नेचरल ब्यूटी बरबस ही सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती है। यहां पर छोटी- बड़ी इतनी झीलें हैं कि इसे ‘झीलों के शहर’ के नाम से भी जाना जाता है। पहले जहां लोग गर्मी से निजात पाने के लिए इस हिल स्टेशन में छुट्टियां बिताना पसंद करते थे, वहीं अब यह साल भर सैलानियों के आकर्षक का केंद्र बना रहता है।

 7. हिमाचल-डलहोजी:

 हिमाचल प्रदेश के शांत और सुंदर हिल स्टेशन आपको उम्मीदों से अधिक प्रसन्नता देंगे। शहर के शोरगुल और कोलाहल से दूर, ये स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के खजाने हैं। शानदार घाटियों का अद्वितीय चिरस्थायी सौंदर्य और प्रदूषण-मुक्त वातावरण आपको आनंद और तरोताज़गी से भर देगा।

  हिमाचल प्रदेश समुद्र स्तर से लगभग 350 से 7000 मीटर की ऊँचाई पर है। हिमाचल अपने सेब के बागों, शंकु वृक्षों से ढ़की चोटियों, सुंदर घाटियों, मचान पर लकड़ियों से बने घरों, मन मोह लेने वाले झरनों और यहाँ के सीधे-सादे लोगों के लिए जाना जाता है।

 हिमाचल प्रदेश के निवासी गीत, संगीत और नृत्य के बड़े दीवाने होते हैं। कुल्लु, मनाली, डलहोजी और शिमला हिमाचल प्रदेश के पर्यटन आकर्षण के कुछ प्रमुख केंद्र हैं।

8. लक्ष्यद्वीप:

 केरल के समुद्री किनारे से 440 कि.मी. दूर ये बीच लक्ष्यद्वीप के 36 कोरल आईलैंड में से एक है। यहां के केवल 10 द्वीपों पर ही आबादी बसती है, जिसमें से केवल दो पर ही पर्यटकों को जाने की इजाजत है। लक्ष्यद्वीप का ये बीच हर लिहाज़ से ख़ूबसूरत है। समुद्र का साफ़ नीला पानी और बीच की सफ़ेद रेत, जिसके किनारे लगे लंबे-लंबे पेड़ जैसे जन्नत का ही नज़ारा पेश करते हैं।

9. मैसूर:

 मैसूर कर्नाटक के दक्षिण भारतीय राज्‍य में एक प्रमुख शहर है। स्‍वतंत्रता तक यह मैसूर के पूर्व महाराजा वोडेयार की राजधानी हुआ करता था। बैंगलोर से 140 किलो मीटर की दूरी पर मैसूर ने सदैव अपने भव्‍य महलों, सुंदर उद्यानों और समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत से पर्यटकों और अतिथियों को आमंत्रित किया है। यह शहर अपने रेशम और मनमोहक चंदन की लकड़ी और सुगंधित धूप के केन्‍द्र के रूप में प्रसिद्ध है। आज मैसूर अपने सुविधाजनक आकार और अच्‍छे मौसम के कारण एक बड़ा पर्यटक गंतव्‍य बन गया है।

 महाराजा पैलेस कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित यहां के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। महाराजा पैलेस मिर्जा रोड पर स्थित भारत के सबसे बड़े महलों में से एक है। इस महल की ख़ासियत है इस महल की कल्याण मंडप की काँच से बनी छत, दीवारों पर लगी तस्वीरें और स्वर्णिम सिंहासन। बहुमूल्य रत्नों से सजे इस सिंहासन को दशहरे के दौरान जनता के देखने के लिए रखा जाता है।

10. खजूराहो-पचमढ़ी:

 देश में ताजमहल के अलावा अगर कोई पर्यटन स्थसल विदेशी सैलनियों और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है तो वह निसंदेह खजूराहो ही है। यहां की मूर्तिया में उन्नहत शिल्पप उत्कनष्टा कला, वैभवशाली इतिहास के अलावा एक बैदिक संदेश और सार्थक काम शिक्षा भी दखिती हैा मध्यथ प्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेञ में बसे खजुराहो की मूर्तियों के बारे में ऐताहासिक दस्तावेज बताते है कि चंदेल शासकों ने 9वीं सदी से लेकर 11वीं सदी के पूर्वाद तक इसे गढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी मंदिरों की दीवारों पर बनाई गई अलग-अलग मैथुन मुद्राओं को देख कर लगता है, जैसे, सेक्स की कोई इबारत लिखी गई है।

दिल वाला द्वीप

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ब्रैड पिट को बर्थडे पर ‘दिल वाला द्वीप’ देंगी ऐंजिलिना

 हॉलिवुड का मोस्ट रोमांटिक कपल माना जाने वाला ‘ब्रैंजिलिना’ फिर सुर्खियों में है। खबर है कि ऐंजिलिना जोली अपने पार्टनर ब्रैड पिट को उनके 50वें जन्मदिन पर दिल के आकार का द्वीप गिफ्ट करने जा रही हैं।

ब्रैड पिट का जन्मदिन 18 दिसंबर को है। पिट के बर्थडे को स्पेशल बनाने के लिए ऐंजिलिना 1.22 करोड़ पाउंड यानी 12.3 अरब रुपये खर्च कर अपने पार्टनर को यह नायाब तोहफा दे रही हैं।

‘दिल वाला’ यह द्वीप न्यू यॉर्क से 50 मील दूर तट पर है। बताया जा रहा है कि इस द्वीप पर फार्महाउस के अलावा हैलिपैड भी है। सूत्रों का कहना है कि जोली इस द्वीप को देखकर इतनी खुश हुई थीं कि उन्होंने इसे तुरंत खरीदने का फैसला कर लिया।

इस द्वीप को फ्रैंक लियोड राइट नाम के आर्किटेक्ट ने डिजाइन किया था। फ्रैंक अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि द्वीप और फार्म हाउस का डिजाइन आर्किटेक्चर का अनोखा नमूना है। जोली और पिट के लिए साथ समय गुजारने के लिए यह द्वीप सबसे सही जगह है।

10 अजूबे

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देखें कुदरत के 10 अजूबे, इन जगहों को नहीं देखा तो भारत में कुछ नहीं देखा!

मैग्नेटिक हिल ऑफ लद्दाख से लेकर, महाराष्ट्र के लोनार झील और गुजरात के कच्छ रण तक। हम आपके लिए लेकर आए हैं, भारत के ऐसे ही सबसे अद्भुत प्राकृतिक आश्चर्य। इन दिलकश नजारों को देखकर आपकी तबीयत मस्त हो जाएगी।

इन जगहों की तस्वीरें देखकर पहले कुछ सैकंड तो शायद आपको यकीन ही नहीं होगा कि यह भारत की तस्वीरें हैं। इतने खूबसूरत प्राकृतिक नजारे और कुदरत के अजूबों से भरी पड़ी ये जगह बाकई दिलचस्प हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि यह जगह भी टूरिस्टों की पसंदीदा सूची में होती हैं। ट्रेवल कंपनियों के मुताबिक, टूरिस्ट अक्सर इन जगहों पर जाने के लिए इन्क्वॉयरी करते हैं।

जैसे, लोनार झील लगभग 150 मीटर गहरी और 1.83 किमी डायमीटर है। यह पर्यटकों के साथ ही दुनियाभर के वैज्ञानिकों को भी आकर्षित करती हैं।

मैग्नेटिक हिल ऑफ लद्दाख…

वैज्ञानिकों अनुसार गुरुद्वारा पठार साहिब के निकट स्थित इस हिल में गजब की चुंबकीय ताकत है। यही नहीं इसका मैग्नेटिक फील्ड भी काफी बड़े क्षेत्र तक प्रभावित करता है। यदि इस हिल की चुंबकीय ताकत का परीक्षण करना हो तो किसी वाहन के इंजन को बंद करके वहां खड़ा कर दें, वह बंद वाहन धीरे-धीरे पहाड़ी की चोटी की ओर स्वत: ही खिसकना शुरू कर देता है।

मैग्नेटिक हिल ऑफ लद्दाख…

वैज्ञानिकों अनुसार गुरुद्वारा पठार साहिब के निकट स्थित इस हिल में गजब की चुंबकीय ताकत है। यही नहीं इसका मैग्नेटिक फील्ड भी काफी बड़े क्षेत्र तक प्रभावित करता है। यदि इस हिल की चुंबकीय ताकत का परीक्षण करना हो तो किसी वाहन के इंजन को बंद करके वहां खड़ा कर दें, वह बंद वाहन धीरे-धीरे पहाड़ी की चोटी की ओर स्वत: ही खिसकना शुरू कर देता है।

माजुली, असम…

माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी का द्वीप होने के लिए जाना जाता है। माजुली जोरहट से सिर्फ 20 किमी दूर है और नाव के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। माजुली द्वीप पिछली पांच सदियों से असम का सांस्कृतिक केंद्र रहा है, जिसे बचाने के लिए विभिन्न संगठन प्रयास कर रहे हैं। यह द्वीप अपने वैष्णव नृत्यों के अलावा रास उत्सव, टेराकोटा और पर्यटन के लिए मशहूर है।

Nohkalikai फॉल्स, मेघालय…

चेरापूंजी के समीप नोहकालीकाई झरना भारत का सबसे ऊंचा झरना है। चेरापूंजी प्रतिवर्ष की भारी बारिश के लिए जाना जाता है और इस झरने के जल का स्रोत यही बारिश है। इस झरने के पास स्थित खड़ी चट्टान से छलांग लगाने वाली स्थानीय लड़की का लिकाई के नाम पर इस झरने का नाम नोहकालीकाई पड़ा।

सबसे ऊंचा रोलर

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खुल रहा दुनिया का , टॉप पर रहेगा रेस्टॉरेंट

 अगर आप रोमांच के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर यह है कि अमेरिका के फ्लोरिडा में दुनिया का सबसे ऊंचा रोलर कोस्टर शुरू किया जा रहा है। इसकी ऊंचाई 520 फीट होगी। इसे अमेरिकी कंपनी यूएस थ्रिल राइड्स डिजाइन कर रही है।

पोलर कोस्टर के नाम से पहचान बना चुका यह रोलर कोस्टर वर्ष 2016 में शुरू होगा। यह 96 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ेगा। खास बात यह है कि यह टॉवर के शेप में है और डायमीटर के मामले में यह केवल 150 फीट चौड़ा है। इसके निर्माण में कंपनी को दो करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। कंपनी ने यह तो कहा है कि यह रोलर कोस्टर फ्लोरिडा में लगेगा, लेकिन यह नहीं बताया है कि इसे किस एडवेंचर या एम्यूजमेंट पार्क में लगाया जाएगा। कंपनी ने रोलर कोस्टर के डिजाइन के फोटोग्राफ्स जारी किए हैं।

456 फीट ऊंचाई है न्यू जर्सी में लगे किंगडा रोलर कोस्टर की। यह वर्तमान में दुनिया का सबसे ऊंचा वर्किग रोलर कोस्टर है।

टॉप पर रहेगा रेस्टॉरेंट:

इस रोलर कोस्टर के टॉप पर एक रेस्टॉरेंट और कई दुकानें भी रहेंगी। पर्यटकों को ट्रेन के माध्यम से राइड के लिए ऊपर जाना होगा। यहां पर एक ऑब्जर्वेशन डेस्क भी बनाई जा रही है, ताकि लोग ऊपर जाकर देखें और फिर यदि ऊंचाई से डर लगे तो वे रोलर कोस्टर पर न बैठें। इसी कारण यहां पर रेस्टॉरेंट और शॉप्स भी बनाई जाएंगी, ताकि जिन लोगांे को ऊंचाई से डर लगता है वे सुरक्षित रहें और शॉपिंग आदि कर सकें।

सेवई पुलाव

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सेवई पुलाव

चावल का पुलाव तो आपने कई बार बना कर खाया होगा, पर क्या आपने कभी सेवई का पुलाव बना कर खाया है? यदि नहीं तो क्यों ना आज बनाएं! सेवई का पुलाव बहुत ही स्वादिष्ट होता है और इसे बनाना भी बेहद आसान है। तो आइये आज सेवई का पुलाव बनाएं।

आवश्यक सामग्री:

  • सेवई – 200 ग्राम (एक कप)
  • घी – 1-2 टेबल स्पून
  • काजू – 8-10 (हर काजू के 2-2 टुकड़े कर लें)
  • मटर के दाने – 1/4 कप
  • शिमला मिर्च – 1/4 कप (लंबी व पतली कटी हुई)
  • गाजर – 1/4 कप (बारीक कटी हुई)
  • फूल गोभी – 1/4 (बारीक कटी हुई)
  • हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कतरी हुई)
  • अदरक – 1/2  इंच लंबा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
  • जीरा – 1/4 छोटी चम्मच
  • साबुत काली मिर्च – 5-6
  • लौंग – 2
  • बड़ी इलाइची – 2
  • नमक – स्वादानुसार (एक छोटी चम्मच)
  • नीबू – आधा
  • हरा धनिया – 2-3 टेबल स्पून (कतरा हुआ)

विधि:
सबसे पहले कढ़ाई में 1 छोटी चम्मच घी डाल कर गर्म कीजिये और उसमें सेवई डाल कर हल्का ब्राउन होने तक भून कर प्लेट में निकाल लीजिये।

उसके बाद काली मिर्च, लोंग और बड़ी इलाइची को छील कर दरदरा कूट या पीस लीजिये।

अब कढ़ाई में फिर से 1 छोटी चम्मच घी डाल कर गर्म कीजिये और उसमें काजू डाल कर हल्का ब्राउन होने तक भून कर प्लेट में निकाल लीजिये। अब इस घी में जीरा डालकर भूनिये और फिर काली मिर्च वाला मसाला डाल कर हल्का सा भून लीजिये।

अब इस मसाले में हरी मिर्च, अदरक व मटर डाल कर 2 मिनट तक भूनिये और मटर के नरम हो जाने के बाद शिमला मिर्च और गोभी मिला कर 2 मिनट तक ढककर पका लीजिये। उसके बाद टमाटर डाल कर 1 मिनट तक भूनिये और फिर 2 कप पानी व नमक मिला कर एक उबाल लगा लीजिये।

उबाल आने के बाद सेवई डाल कर फिर से उबाल लगाइये और फिर धीमी गैस पर सेवई को तब तक पकाइये जब तक कि वह सारा पानी सोख ना ले। अन गैस बंद करके सेवई में नीबू का रस मिला दीजिये और सेवई को 2 मिनट के लिये ढककर रख दीजिये ताकि वह बचा हुआ पानी भी सोख ले और उसकी खुशबू भी उसी में रहे।

सेवई पुलाव तैयार है। अब इसे एक बाउल या प्लेट में निकाल करे धनिये और काजू से सजाइये और गरमा गरम परोस कर खाइये।

 

तिल मावे की बर्फी

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तिल मावे की बर्फी

तिल मावे की बर्फी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है। क्योंकि तिल गर्म होते हैं इसलिये तिल मावे की बर्फी सर्दियों में ही खाई जाती है। इसे मुख्यतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में तिल व मावे को मिलाकर बनाया जाता है। तो आइये आज बनाते हैं तिल मावे की बर्फी।

आवश्यक सामग्री:

  • तिल – 250 ग्राम
  • मावा (खोया) – 250 ग्राम
  • चीनी – 300 ग्राम
  • काजू – 50 ग्राम (बारीक कटे हुए)

विधि:

तिल को साफ कीजिये और किसी भारी तले की कढ़ाई में डाल कर हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिये। उसके बाद ठंडा कीजिये और फिर मिक्सर में डल कर मोटा-मोटा पीस लीजिये।

एक कढ़ाई में मावा डाल कर अच्छी तरह भूनिये और फिर उसे किसी प्लेट में निकाल लीजिये।

अब कढ़ाई में चीनी और चीनी की मात्रा का एक तिहाई पानी (चीनी 300 ग्राम तो पानी 100 ग्राम) डाल कर इसकी 3 तार की चाशनी बना लीजिये (कढ़ाई को तेज गैस पर रखिये 6-7 मिनट में चाशनी बन जाएगी) और फिर इस चाशनी में काजू, मावा और पिसे हुए तिल डाल कर अच्छी तरह मिला दीजिये।

अब एक थाली में थोड़ा सा घी लगाकर चिकना कर लीजिये और फिर मिश्रण को थाली में डाल कर चारों ओर एक सा फैला दीजिये। अब इसे करीब 2 घंटे के लिये हवा में रख दीजिये ताकि यह ठंडा हो कर जम जाए और उसके बाद इसे चाकू से अपने मन पसंद आकारों में काट लीजिये।

तिल मावे की स्वादिष्ट बर्फी तैयार है। इन्हें किसी एअर टाइट कंटेनर में भर कर रख दीजिये और जब आपका दिल करे तब खाइये।

 

चिकन बिरयानी

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चिकन बिरयानी

जब जुबान पर चिकन बिरयानी का नाम आए तो भला किसके मूंह में पानी नहीं आएगा। चिकन बिरयानी के चाहने न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में है। इसका लजीज स्वाद इतना है कि आप इसे हप्ते में दो बार खाए बिना रह ही नहीं सकतें। आइए आज बिरयानी बनाते हैं।

  सामग्री (Ingredient)

250 g बासमती चावल, 2 बड़े चम्मच शुद्ध घी, 1 प्याज के स्लाइस,2 कली लहसुन कटी, 1 हरी मिर्च कटी, 1 टुकडा अदरक कटा, 650 g चिकन के छोटे छोटे टुकड़े, 1 बड़ा चम्मच चिकन मसाला, एक चौथाई चम्मच नमक, तीन चौथाई चम्मच गरम मसाला, 3 टमाटर कटे, आधा छोटा चम्मच हल्दी, 2 तेजपत्ते, 4 छोटी इलाइयची, 4 लौंग, एक चौथाई चम्मच केसर के धागे, 2 बड़े चम्मच तेल, 1 कप हरी मटर के दाने।

 चिकन बिरयानी बनाने की विधि (Method)

चावल को धोकर आधे घंटे तक ठंडे पानी में भिगोकर निकाल लें। तेल गरम करके प्याज को सुर्ख फ्राई कर लें। फिर अदरक, लहसुन व हरी मिर्च डालकर दो मिनट चलाते हुए फ्राई करें। चिकन मसाला, नमक और गरम मसाला डालें व एक मिनट बाद टमाटर डालकर। 5 -7 मिनट तक फ्राई करके आंच से उतार लें और एक और रख दें। एक पेन में घी गरम करें! फिर तेजपत्ते, लौंग व इलायची को एक मिनट तक फ्राई करके हल्दी। चावल व मटर डाल दें! इसे पांच मिनट तक फ्राई करें और आधा लिटर पानी डालकर आंच तेज़ कर दें एक उबाल आने पर केसर डाल दें और ढककर धीमी आंच पर 6 -8 मिनट पकाएं। जब चावल पक जाएँ और पानी सुख जाए तब पका चिकन डाल दें व हल्के हाथों से ऊपर नीचे करके आंच बंद कर दें और ढककर और 15 मिनट ढके रहने दें! फिर सर्व करें।

अनरसे

A Plate of full Anarsa (A type of Maharashtrian Sweet), Maharashtra, India

अनरसे

अनरसे दो आकार के बनाए जाते हैं – गोल गोल लोइयाँ या चपटी टिक्कियाँ। दोनो ही प्रकार के अनरसे बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। यह दिवाली का विशेष पकवान है और मुख्यतः उत्तर भारत में प्रचलित है। तो आइये आज हम अनरसे बनाते हैं।

आवश्यक सामग्री:

  • छोटा चावल – 300 ग्राम ( 1.1/2 कप )
  • चीनी – 100 ग्राम ( आधा कप, बारीक पीस लें )
  • दही या दूध – 1 टेबल स्पून
  • घी – 2 टेबल स्पून
  • तिल – 2 टेबल स्पून
  • तलने के लिये – घी

विधि:

चावलों को साफ कीजिये और धोकर भिगो दीजिये (इन्हें 3 दिन तक भिगा कर रखना है और हर 24 घंटे बाद पानी बदलना है)।

अब चावलों को पानी से निकाल कर किसी साफ मोटे सूती कपड़े के पर फैला कर छाया में रख दीजिये। 1 – 1.1/2 घंटे में चावलों का पानी सूख जाता है (ध्यान रखें कि चावल पूरी तरह ना सूखें और थोड़े नम ही रहें)।

चावल को मिक्सी में पीस कर एक बर्तन में छान लीजिये और इस चावल के आटे में चीनी पाउडर और घी डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये। अब इस मिश्रण में मथी हुई दही या दूध डाल कर सख्त सा आटा गूथ लीजिये और 10 – 12  घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये ताकि वह सैट हो जाए।

कढ़ाई में घी गर्म कीजिये (घी केवल उतना ही डालें जितने में अनरसे अच्छी तरह डूब जाएं)।

गोल अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बनाइये और उन्हें तिल में लपेट कर कढ़ाई में डाल दीजिये (एक बार में आप 4-5 लोइयाँ कढ़ाई में आराम से तल सकते हैं)। अनरसों को कलछी से पलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये और जब ये अच्छे से तल जाएं तो इन्हें पेपर नैपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। गरमा गरम अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह बना लीजिये।

चपटे अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बना कर तिल में लपेटिये और फिर हथेली से दबाकर चपटा कर लीजिये। कढ़ाई में घी गर्म कीजिये और 4-5 टिक्कियाँ एक साथ डाल कर तल लीजिये। कलछी से पलट-पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तलिये और फिर पेपर नेपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। चपटे अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह से बना लीजिये।

अब इन अनरसों को गरमा गरम खाइये और जो बच जाएं उन्हें ठंडा करके कंटेनर में भरकर रख दीजिये और 15 दिन तक जब दिल चाहे खाइये।

सुझाव:

ध्यान रखें कि अनरसे तलते समय ना तो गैस ज्यादा धीमी रहे (धीमी आग पर तलने से अनरसे सख्त हो जाते हैं) और ना ज्यादा तेज़ (तेज आग पर वे अंदर से कच्चे रह जाते हैं)। गैस को मीडियम ही रखें। मीडियम गैस पर तलने से ना तो ये कच्चे रहेंगे और ना ही सख्त होंगे बल्कि बेहद स्वादिष्ट बनेंगे।

गोल्ड गाउन

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62 करोड़ की ब्रा से पहले गोल्ड गाउन में मॉडल का जलवा!

फैशन वर्ल्ड में मशहूर ब्रांड विक्टोरिया सीक्रेट का एक स्पेशल सलाना शो होने जा रहा है। इस बार जब शो में मॉडल कैंडिस स्वानपोल रैंप पर उतरेंगी तो दर्शकों की नजरें उनसे नहीं हटेंगी, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने एक ट्रेलर गोल्ड गाउन में दिया है, जिसे देखकर भी लोग हैरान हैं।

 दरअसल, हाल ही में न्यूयॉर्क में करीब 62 करोड़ रुपए की ब्रा, जिसमें 4200 से अधिक कीमती रत्न जड़े हुए हैं और एक 52 कैरेट का मोती की शेप का रूबी भी, उसे पब्लिक के लिए प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर मॉडल कैंडिस ने सेक्सी गोल्ड गाउन पहना हुआ था, जिसमें उनके फिगर को देख लोग यह कल्पना करने लगे होंगे कि जब यह मॉडल इस 62 करोड़ की ब्रा को पहनकर कर रैंप पर कैटवॉक करेंगी तो कायमत आ जाएगी।

 गौरतलब है दिसंबर माह में होने वाला यह वार्षिक शो फैशन की दुनिया में काफी मशूहर है, जिसे दुनिया भर में करोड़ों लोग बड़े चाव से देखते हैं।  इस शो में आकर लॉन्जरी मॉडलिंग करना मॉडल्स अपने कैरियर की बड़ी उपलब्धि मानती है।

 साउथ अफ्रीका की 23 वर्षीय मॉडल 62 करोड़ी उक्त ब्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिस स्वानपोल को पहली बार विक्टोरिया सीक्रेट की फंतासी ब्रा पहनने का सम्मान मिला है।