सिंपल किटी नहीं ये है स्पीरिचुअल किटी

सिंपल किटी नहीं ये है स्पीरिचुअल किटी

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समय था जब किटी पार्टी महिलाओं के टाइम पास करने का एक जरिया मात्र था लेकिन इन दिनों किटी पार्टी महिलाओं के सिर्फ टाइम पास का जरिया नहीं रहा. अब किटी पार्टी का मकसद सिर्फ मौज मस्ती करना नहीं बल्कि आत्मिक शांति हासिल करना है. पिछले दिनों दिल्ली के कमला नगर की महिलाओं ने किटी पार्टी का आयोजन किया. इस पार्टी  में सिर्फ महिलाओं का मनोरंजन ही नहीं हुआ बल्कि तनाव जैसी बीमारी से निपटने के लिए प्राणिक हीलिंग पर परिचर्चा भी हुई. इस मौके पर सभी मेंबर ने प्राणिक हीलिंग किया. किटी की सदस्य न सिर्फ अपने किटी के सदस्यों के लिए इसका आयोजन करती हैं बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रोमोट करती हैं क्योंकि इनका मानना है कि जब से इन्होंने प्राणिक हीलिंग  करना शुरू किया है जिंदगी के प्रति उनकी सोच बदल गई है. वह जिंदगी के प्रति बहुत पाॅजिटिव हो गई हैं. किटी मेंबर अवनीत का कहना है कि जनरल किटी में गाॅसिप करते हैं लेकिन हमारी किटी अन्य किटी से बिल्कुल अलग है, यहां हम प्राणिक हीलिंग कर इनर हीलिंग करते हैं. इससे हमें अंदर से खुषी मिलती है. ग्रुप में मेडिटेशन करने से इंनर हिलिंग ज्यादा होती है. वहीं मनोरमा सरिया का कहना है कि पहले हम लोगों की किटी कलेक्शन वाली थी. कुछ गेम खेल लेते थे. कुछ गाॅसिप करते थे. लेकिन फिर हमने सोचा कि किटी को एक नया रूप दिया जाए. इसलिए हमने इसका नाम स्पीरिचुअल किटी का नाम दिया और हम सब मिलकर मेडीटेषन करने लगे और हमने महसूस किया जिंदगी के छोटे बड़े शिकवे शिकायत कम होने लगी. हमारी सोच पॉजिटिव हो गई. किटी की सबसे सीनियर मेंबर आशा अग्रवाल कहती हैं कि प्राणिक हीलिंग के बाद मेरी लाइफ बहुत आसान लगने लगी है. मैं यहां से पॉजिटिव एनर्जी लेकर घर जाती हूं और घर के दूसरे सदस्यों को भी इसके लिए प्रोमोट करती हूं. गाइडेड मेडिटेशन होता है इसलिए दिमाग इधर उधर नहीं भटकता. ग्रुप में मेडिटेशन करने से मन नहीं भटकता. यहां की एनर्जी की अलग बात होती है यहा कहना है ममता चिडि़पाल का. वहीं अर्चना कपूर का कहना है कि यहां आने के पहले से ही पॉजिटिव फीलिंग आने लगती हैं यहां आने के बाद एक अलग फीलिंग होती है. यहां सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर खुद को ध्यान लगाते हो तो ध्यान लगाना आसान होता है. मेडिटेषन में वक्त लगता है यह रातों रात आप पर असर नहीं डालता इसके लिए प्रैक्टिस करनी पड़ती है. यह धीरे-धीरे असर डालता है. कोई कितना भी बुरा करें आप उसके प्रति पॉजिटिव थिंकिंग रखें. वहीं रीना नारंग का कहना है कि पिछले चार महीनों से हमने किटी में प्राणिक हीलिंग की शुरुआत की है. इससे किटी का हर सदस्य को फायदा हो रहा है. सभ यहां आकर अपना अपना एक्सपीरियेंस शेयर करते हैं. मेरी जिंदगी में बहुत बदलाव आया है. मुझ पर कभी तनाव हावी नहीं होता. बहुत रिलैक्स महसूस करती हूं. रजनी ग्रोवर का कहना है कि मेरी पूरी लाइफ बदल गई है. मेरा गुस्सा खत्म हो गया है. अब दूसरों की परेशानियों को जल्दी  समझ जाती हूं. मैं खुश रहती हूं और दूसरों को भी खुश रखने की कोशिश करती हूं. किटी के इन सदस्यों के अलावे रुचि, वर्षा,इंदू,काव्या,मुक्ता,अनिता,हर्श, नीरू,नवीना,नैंसी,रजनी,अर्चना,शगुन और ममता ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

डी- स्ट्रेस करता फोर फाउंटेंस

डी- स्ट्रेस करता फोर फाउंटेंस

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स्‍पा का काॅसेप्ट अब पुराना हो गया इसलिए फोर फाउंटंेस लेकर आया है नया काॅसेप्ट. फोर फाउंटेंस  न सिर्फ ब्यूटीफिकेषन करता है बल्कि यह डी- स्ट्रेस भी करता है. क्योंकि इनका मानना है कि जब तक आपका शरीर डी- स्ट्रेस नहीं होता कोई भी मेकअप आपको खूबसूरत नहीं बना सकता. फोर फाउंटेंस   की बिजनेस पार्टनर रिंपी जिंदल का कहना है कि हमारे स्पा का काॅसेप्ट दूसरे स्पा सेंटर से बिल्कुल अलग है. हमारे यहां स्पा के अलग अलग पैकेज हैं. हर पैकेज में अलग अलग सुविधाएं हैं जैसे-वेडिंग पैकेज के तहत हम पहले स्पा के माध्यम से व्यक्ति को डी-स्ट्रेस करते हैं. इसके बाद थाई मसाज होता है इसके बाद ब्यूटीफिकेशन किया जाता है. इस स्पा के बाद जो निखार आता है वह आंतरिक होती है. इन दिनों वेडिंग पैकेज काफी डिमांड में है. यही नहीं इनके आॅरगैनिक उबटन की भी काफी डिमांड है क्योंकि यह उबटन हर्बस से बनते हैं जो स्किन की नरशिंग करते हैं.
इसके अलावे फोर फाउंटेंस का मोबाइल स्पा को भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं. क्योंकि मोबाइल स्पा आपके शादी समारोह को यादगार बनाने में काफी मददगार है. आप अपने घर में हो रहे शादी समारोह में स्पा की सुविधा चाहते हैं तो इन्हें काॅल करें. ये आपके घर आकर आपको स्पा सेंटर की तरह सुविधाएं प्रदान करेंगे. इससे आप ही नहीं बल्कि आपके मेहमानों की भी थकान भी उतर जाएगी.

दर्द में मर्द, कूल गर्ल्स!

दर्द में मर्द, कूल गर्ल्स!

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ब्रेकअप दोनों पार्टनर के लिए शॉकिंग होता है, लेकिन इसका इफेक्ट अब दोनों पर अलग-अलग नजर आने लगा है। मुंडे जहां ब्रेकअप के बाद बुरी तरह टूटने लगे हैं, वहीं कुडि़यां अब चिल मारती हैं। जानते हैं, इस नए ट्रेंड के बारे में :

ब्रेकअप हुआ और लाइफ खल्लास… बेशक, अभी तक ‘टिपिकल’ लड़कियां इसी फंडे को फॉलो करती आई हैं, लेकिन आजकल की बिंदास बालाएं इससे कतई इत्तफाक नहीं रखतीं। न्यू जेनरेशन की गर्ल्स का स्टाइल जरा हटकर है। ब्रेकअप को दिल से लगाकर बैठना अब उनकी फितरत नहीं रही। उन्होंने इससे ‘कूल’ होकर निपटना सीख लिया है। ब्रेकअप के बाद वे चिल मारती हैं और नए ऑप्शंस तलाशने लगती है। लेकिन बेचारे लड़कों के साथ ऐसा नहीं रहा। कभी कूल रहने वाले मुंडे अब ब्रेकअप के बाद बुरी तरह से टूट रहे हैं।

पिछले दिनों आई एक रिसर्च में बताया गया है कि ब्रेकअप के बाद ‘बेचारे’ बॉयज गम के समंदर में डूबने लगते हैं। कई के लिए तो ब्रेकअप लाइफ के एंड की तरह साबित होता है, तो कई सूइसाइड तक की प्लानिंग करने लगते हैं। दूसरी ओर, लड़कियों का अंदाज बिल्कुल ऑपोजिट होता है और वे कूल रहती हैं और ब्रेकअप को लाइफ में नए ऑप्शन इन्जॉय करने के चांस के तौर पर देखती हैं।

नए जमाने का विलेन फेसबुक

नए जमाने का विलेन  फेसबुक

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प्यार तो है लेकिन कमिटमेंट नहीं. शादीशुदा तो है लेकिन फिर भी एक्स की तलाश है. चाहे लड़की हो या फिर लड़का. शादीशुदा हो या कुंआरा. हर कोई सीक्रेट डेटिंग कर रहा है. लेकिन कोई है जो सभी पर नजर रखे हुए है. पति-पत्नी और वो के बीच रिश्ते का हर फलसफा वो कैद कर रहा है. लेकिन ये है कौन?

आपका चौंकना लाज़िमी है, लेकिन साइबर संसार रच रहा है रिश्तों में बेवफाई की एक नई इबारत. डिजिटल संसार में ऐसे लोगों को चीटर्स के नाम से जानते हैं. ऐसी वेबसाइट्स पर प्राइवेट अफेयर्स चाहने वाले लोगों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. सोशल मीडिया के जरिए बेवफाई बढ़ती जा रही है. आदम के जमाने से मौजूद बेवफाई की सूरत बदल गई है. सोशल मीडिया बेवफाई का नया अड्डा बनता जा रहा है. ये अड्डा प्राइवेट लोगों को प्राइवेट तरीके से पुराने प्रेमी-प्रेमीकाओं और नए लोगों से जुड़ने का मौका देता है.रिलेशनशिप को मॉनिटर करने वाली वेबसाइट्स बताती हैं कि हर दिन करीब 500 शादीशुदा लोग इश्क की तलाश करते हैं.

पुराने दोस्तों से जुड़े रहने और उसकी हर गतिविधि का अपडेट रखने के लिए लोग सोशल मीडिया पर जाते हैं, लेकिन बात तब और बड़ी हो जाती है जब लोग अपने एक्‍स को सर्च करने के लिए सोशल मीडिया का रुख करते हैं. जिनकी घरेलू जिंदगी ठीक-ठाक है वो अपने पुराने संबंधों में नयापन लाने के लिए सोशल मीडिया पर जाते हैं, जबकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो सोशल मीडिया पर इमोशनल टच तलाश रहे होते हैं.

फेसबुक और बाकी सोशल मीडिया साइट्स आपकी पिछली जिंदगी को तरोताजा रखते हैं. एक्स को कभी भुलाने नहीं देते. किसी पुरुष या महिला ने शादी के बाद अपनी जरूरतों से समझौता कर लिया हो, लेकिन फिर एक दिन सोशल साइट्स पर उनकी मुलाकात अपने उन पुराने दोस्‍तों से होती है, जो उन्‍हें वो दे सकते है जिसकी उन्‍हें हसरत हो.

अकसर लोग महसूस नहीं कर पाते कि वे एक्‍सट्रा मैरिटल अफेयर की ओर बढ़ रहे हैं. प्राइवेसी की अवधारण के कारण उन्हें ये गुमान होता है कि वे कभी पकड़े नहीं जाएंगें. वहीं, अपने पार्टनर पर नजर रखने के लिए डाटा रिकवरी सॉफ्टवेयर और की-लॉगिगं सॉफ्टवेयर जैसे टूल की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि इन्हीं सोशल साइट्स की वजह से दिल्ली की रहने वाली महिला पालकी वाला ने अपने पति से रिश्‍ता तोड़ लिया. दरअसल, उन्‍हें पता चल गया था कि उनका पति सोशल साइट पर अपनी एक्स को तलाश रहा है. पालकीवाला एक जासूस के पास पहुंची तब जाकर उन्‍हें इस नए जमाने के विलेन के बारे में पता लगा.

पालकी वाला हर रोज अपने पति को लैपटॉप पर काम करते हुए देखती थीं. उनका पति उन्‍हें इग्‍नोर कर रहा था और वह रात में देर से घर आता था, लेकिन उनके पैरों तले जमीन उस वक्त खिसक गई जब उन्हें पता लगा कि उनका पति एक्स गर्लफ्रैंड के टच में है.

दिल्ली की एक जासूसी कंपनी के एमडी का दावा है कि सोशल साइट के इस विलेन के जरिए ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल भी चल रहा है. प्राइवेट जासूस संजीव देशवाल के मुताबिक, ‘फेसबुक से ज्‍यादा प्रॉब्‍लम हो रही है. पहले नंबर एक्‍सचेंज होता है और फिर मुलाकात होती है. कुछ ग्रुप भी बने हैं जो ब्लैकमेल कर रहे हैं. ऐसे में जान-पहचान की रिक्वेस्ट को ही एक्सेप्ट करें’.

इसमें कोई शक नहीं कि सोशल मीडिया ने हमारी सोशल लाइफ को आसान बना दिया है, लेकिन एक सच और भी है और वह यह कि सोशल मीडिया दो धारी तलवार की तरह है, जिसके अपने साइडइफेक्‍ट्स भी हैं. अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम इसका इस्‍तेमाल किस तरह करते हैं.

स्‍टाइलिश कूल आउटफिटस

स्‍टाइलिश कूल आउटफिटस

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फैशन फ्रीक के लिए समर सीजन बेहद चूजी होता है. दरअसल, ये ऐसा सीजन है, जिसमें फैशन पसंद लोग अपने कम्फर्ट के लिहाज से ड्रेस अपनाते हैं. रंगरीति ने मौसम के मिजाज को देखते हुए आउटफिट मार्केट में उतारे हैं जो मौसम अनुकूल होने के साथ साथ आरामदेह भी है; हालांकि, फैशन के जानकारों का कहना है कि अब चटख रंगों का ट्रेंड बढ़ गया है. इस सीजन बोल्ड कलर अपना जलवा बिखेरने को तैयार है. हालांकि, अमूमन देखा गया है कि लोग इस सीजन बोल्ड कलर कैरी नहीं करते. लेकिन फैशन डिजाइनर्स का इसके पीछ कुछ अलग तर्क है. उनका कहना है कि नए फैशन के हिसाब से आउटफिट को नया लुक देने की कोशिश की गई है.

खासकर महिलाओं की ड्रेस की लेंथ को नीचे से काफी छोटा रखा गया है. इसके अलावा शोल्डर के पास कट्स के साथ वेस्ट साइड चुस्त रखी गई है. फैशन डिजाइनर्स का कहना है कि इस तरह के आउटफिट में 35 की महिला भी खुद को टीनएज महसूस करेंगी. दरअसल ऐसी मिनिमाइज लुक महिलाओं को चुस्ती व स्फूर्ती के साथ स्टाइलिस्ट अंदाज भी देगा.

 प्रिंट्स भी करेंगे कमाल

फैशन में प्रिंटेड अटायर हमेशा से चलन में है. ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाएं कैजुअल ड्रेस के तौर पर पहनने के साथ-साथ किसी भी खास ओकेजन पर इसे कैरी कर सकती हैं. डिजाइनर श्रुती संचेती का कहना है कि बड़े फूलों के प्रिंट्स के साथ ज्योमैट्रिक डिजाइन के जरिए नेचर की खास जुगलबंदी इस बार देखने को मिलेगा. इस ड्रेस में महिलाएं लाउड लगेंगी। साथ ही इन कपड़ों में महिलाएं खुद को प्रकृति के करीब महसूस करेंगी।

दाल़, सेम खांए कॉलेस्ट्रॉल घटाएं

दाल़, सेम खांए कॉलेस्ट्रॉल घटाएं

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दिन में कम से कम एक बार खाने में सेम, मटर या दाल खाने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। सेंट माइकल हॉस्पीटल के चिकित्सक सिवेनपाइपर ने कहा कि दिन में एक समय भोजन में दाल खाने से पांच प्रतिशत तक कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

उन्होंने कहा कि खाने में दाल को शामिल करना दिल के लिए फायदेमंद रहता है। उन्होंने कहा कि इससे दिल की बीमारियों का खतरा पांच से छह प्रतिशत तक कम होता है। दालों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (पाचन क्रिया के दौरान भोजन सामग्री का टूटना) का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है और इनमें अतिरिक्त प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है। सिवेनपाइपर ने मेटा एनालाइसिस समीक्षा के तहत 1,037 लोगों पर अध्ययन किया।

अध्ययन में पता चला कि पुरुषों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर महिलाओं की अपेक्षा कम होता है। इसका कारण महिलाओं का खान-पान में उचित ध्यान न देना हो सकता है। यह अध्ययन पत्रिका कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित हुई है।

हिंसा की वजह है ग्लूकोज

 

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यदि आप अपने साथी पर बेवजह चीखते-चिल्लाते हैं, तो आपको अपने खून में ग्लूकोज के स्तर की जांच करानी चाहिए। ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में संचार एवं मनोविज्ञान के प्रोफेसर ब्रैड बुश्मैन ने कहा कि अध्ययन में पता चला कि किस तरह भूख जैसा सामान्य सा कारक भी परिवार में कलह, लड़ाई-झगड़ों और कभी-कभी घरेलू हिंसा की भी वजह बन जाता है।

शोध में 107 विवाहित युगलों पर अध्ययन किया गया, जिसमें हर एक जोड़े से पूछा गया कि अपने विवाहित जीवन से संतुष्ट होने के बारे में उनकी क्या राय है? कुल 21 दिनों तक किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि विवाहित जोड़ों में हर शाम ग्लूकोज का स्तर साथी के साथ संबधों पर प्रभाव डालता है।

जिन लोगों में ग्लूकोज का स्तर कम पाया गया, वे अपने साथी पर ज्यादा गुस्सा करते हैं और तेज आवाज में बात करते हैं। बुशमैन ने कहा कि ग्लूकोज का स्तर कम होने से उत्पन्न भूख और क्रोध की स्थिति बेहद करीबी रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती है। यह अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ है।

चोरी हो गया पति का स्पर्म

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गाजा पट्टी की एक महिला का पति इजरायल की जेल में बंद है। उसने पति के स्पर्म (शुक्राणु) स्मगल कराए। आईवीएफ तकनीक की मदद ली और बेटे को जन्म दिया। गाजा पट्टी में यह इस तरह का पहला मामला है।

इजरायल पोस्ट के मुताबिक हाना अल-जानेन और तामेर की शादी 2006 में हुई थी। शादी के तीन महीने बाद ही तामेर को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था। इजरायली लोगों की हत्या के आरोप में तामेर 12 साल की सजा काट रहे हैं।

हाना ने कई बार जेल प्रशासन से पति से मिलने की इजाजत मांगी। लेकिन सुरक्षा कारणों के आधार पर ठुकरा दी गई। इसके बाद तामेर ने हाना तक अपने स्पर्म पहुंचाने के लिए तस्करी कराई। हाना ने अस्पताल से दिए बयान में कहा कि ‘हमने साबित कर दिया है कि आप किसी से मां बनने का अधिकार नहीं छीन सकते।’

इजरायल गाजा पट्टी के कैदियों को परिजनों से मिलने की इजाजत नहीं देता है। इजरायल की जेलों में ऐसे करीब पांच हजार कैदी हैं। केवल कुछ व्यापारियों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को ही मिलने की इजाजत दी जाती है।

 

लागा चुनरी में दाग मिटाउं कैसे

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प्‍यार करने वाले को कहां होश रहता है कि वो कोई सीमा रेखा खिंच सकें; ऐसे में कई बार शरीर पर कहीं निशान पड जाते हैं जो आपके प्‍यार का प्रचार करने के लिए काफी होते हैं; कई बार ये ऐसी जगहों पर बन जाते हैं जिसे छुपाया नहीं जा सकता; ऐसी स्थिति में आपको लोगों से झूठ बोलना पड्ता है चोट लग गई, कीडा काट लिया आदि हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्‍स जो काफी कारगर है

अगर रिलेशनशिप के दौरान ऐसी जगह पर लव बाइट बन गया हो जो आपके लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। इस स्थिति में लव बाइट के उपर थोडा टूथपेस्‍ट लगाकर 20 मिनट तक छोड दें। आधे घंटे में लव बाइट गायब हो जाएगा और आपको शर्मिंदगी का सामना भी नहीं करना पडेगा।

आप चाहें तो आइस पैक भी रख सकते हैं;

पिंपल की समस्या में टूथ पेस्ट बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। अगर आपको किसी पार्टी में जाना हो और चेहरे पर पिंपल निकल आए तो रात को सोने से पहले उस पर टूथपेस्ट लगा लें। रातभर में टूथपेस्ट पिंपल का तेल सोख लेगा और सुबह तक पिंपल बैठ जाएगा। इस नुस्खे को वो लोग न अजमाएं जिन्हें टूथपेस्ट से एलर्जी है।

माना जाता है कि बच्चों की दूध की बॉटल अगर ठीक से साफ न हो तो वह कई बीमारियों का कारण बन सकती है। इसीलिए अगर बच्चों की दूध की बॉटल को अच्छे से साफ करके स्मैल फ्री बनाने के लिए बॉटल साफ करने के ब्रश पर थोड़ा सा टूथपेस्ट लगाएं और बॉटल साफ करें।

टूथपेस्ट का यूज करके घर पर ही मैनिक्योर किया जा सकता है। थोड़ी मात्रा में टूथपेस्ट लेकर उसे पानी में घोल लें। अपने हाथों को उस पानी में डूबो लें कु छ देर तक हाथों को उसमें डूबा रहने दें फिर हाथों को हल्के-हल्के से मसाज करें। टूथ ब्रश से नाखून के आसपास की सफाई करें। घर पर ही मैनिक्योर करने का ये सबसे आसान तरीका है।

कपड़े पर टमाटर सॉस या स्याही का दाग लग जाए तो टूथपेस्ट लेकर उसे कपड़े पर मलें थोड़ी देर रहने दें फिर कपड़े को धीरे-धीरे मलें दाग दूर हो जाएगा। घर की दीवार बच्चे कलर से खराब कर दे तो टूथपेस्ट लगाकर रगड़कर साफ कर दें रंग साफ हो जाएगा।

यदि कोई जल जाए तो जलन से तुरंत राहत व छालों से बचने के लिए टूथपेस्ट लगाएं जलन में आराम मिलेगा व जले का निशान भी नहीं रहता है। कीड़े के काटने पर भी टूथपेस्ट लगा लेने पर राहत मिलती है।

काया पर सजती रंगोली ज्‍वेलरी

 

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जूलरी ,ऐसी चीज है जो समय के साथ बदल तो रहा है लेकिन फिर भी अपनी अ‍हमियत बनाए हुए है। पहले महिलाएं जहां भारी गहनों का शौक रखती थी वहीं आज की महिलाएं हल्‍के और स्‍टाइलिश ज्‍वेलरी का शौक रखती हैं। ऐसे में डिजाइनरों ने अल्‍पना डिडाइन की रंगोली कलेक्शन बाजार में उतारा है। अल्‍पना के सभी मनमोहक डिजाइन हमारी पंरपरा से प्रभावित है। जो सभी तरह के समारोहों में पहने जा सकते हैं।

इष्‍टा की प्रोडक्‍ट रेंज में 18 कैरेट सोने और स्‍वरोव्स की क्‍यूबिक जिरकोनिया स्‍टोन्‍स से बनाए गए हैं; यह भव्‍य कलेक्‍शन आत्‍मविश्‍वास से भरी और खूबसूरती पर चार चांद लगाने की इच्‍छा रखने वाली महिलाओं की इच्‍छा को ध्‍यान में रखकर बनाया गया है। अल्‍पना की नई प्रोडक्‍ड रेंज सभी इष्‍टा रिटेलर्स के यहां उपलब्‍ध है।