SEX के दौरान महिलाएं याद करती हैं ‘उसे’!

SEX के दौरान महिलाएं याद करती हैं उसे’!

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यदि आपको लगता है कि सेक्स करने के दौरान ख्वा‍बों और अतीत के समंदर में डुबकी लगाना सिर्फ पुरुषों की ही फितरत होती है, तो यह आपकी भूल हो सकती है. हकीकत कुछ इसके उलट है. एक रिपोर्ट की मानें तो महिलाएं भी ऐसा करती हैं. महिलाएं सेक्स के दौरान अपने साथी के बारे में ही नहीं बल्कि अपनी जिंदगी के अतीत के बारे में भी सोचती रहती हैं. कहने का मतलब महिलाएं सेक्सुअल संबंध बनाते समय अपने पूर्व पुरुष मित्र अथवा किसी ऐसे को अपने साथ महसूस करती हैं जो उनकी पहुंच से दूर होता है. ऐसा एक-दो नहीं बल्कि अधिकांश महिलाएं करती हैं.

हाल ही में सेक्सुअल रिलेसनशिप पर किए जाने वाले कई शोधों में इस तरह की जानकारियां सामने आई हैं. शोध में शामिल महिलाओं से जब इस बारे में सवाल किए गए, तो कई ने इस बारे में खुलकर अपने दिल के राज खोले. दरअसल, हकीकत को और ज्य्दा खुशनुमा बनाने और दबी हुई इच्छा को बिना किसी ‘एक्ट्रा एफर्ट’ के ही पूरा करने के मकसद से जोड़े ख्वाबों की दुनिया में खोते हैं. सबसे मजे की बात तो यह कि उन अंतरंग पलों में किसके दिमाग के क्या चल रहा है, यह पार्टनर को तब तक पता नहीं चलता, जब तक इसे बयां न किया जाए.

‘मैं बिकाऊ हूं, कोई खरीद लो’!

मैं बिकाऊ हूं, कोई खरीद लो‘!

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आजकल बच्चे जहां अपने बूढ़े मां-बाप को घर के किसी कोने में पनाह देते हैं या उन्हें लाचार अवस्था में वृद्धाश्रम का रास्ता दिखा देते हैं. वहीं एक ऐसी संतान भी है जिसने गरीबी से तंग आकर अपने बूढ़े मां-बाप के इलाज के लिए सोशल साइट फेसबुक पर अपने ही जिस्म की बोली लगा दी. आखिर हम किस सामज में रह रहे हैं जहां हम देवियों की पूजा करते हैं उसी समाज में हमारी मां-बहन बेटियों की इज्जत तार-तार होती है या फिर मजबूर होकर इस तरह का रास्ता अपनाना पड़ता है.

पेशे से मॉडल इस लड़की का नाम चांदनी है. चांदनी के माता-पिता बीमार हैं और उसके पास इलाज तक के लिए पैसे नहीं है. जब मदद की हर आस टूट गई तो मजबूर चांदनी ने खुद को बेचने का फैसला कर लिया और आखिरकार तंग आकर चांदनी ने फेसबुक पर लिखा कि वो बिकाऊ है.

जी हां… हैरान होने की जरुरत नहीं, चांदनी बिकाऊ है. ये कोई विज्ञापन की लाइन नहीं है, बल्कि हमारे समाज की कमजोरियों को बेपर्दा करता एक कड़वा सच है. सवाल ये कि आखिर चांदनी ने फेसबुक पर ऐसी पेशकश क्यों की. ऐसी क्या मजबूरी आ पड़ी कि उसने अपनी ही बोली लगा दी. पेशे से मॉडल चांदनी गुजरात के वडोदरा की रहने वाली है और अपने माता-पिता की इकलौती संतान है. कुछ दिन पहले तक सब ठीक था. मॉडलिंग और फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करके चांदनी अपना और अपने परिवार का गुजर-बसर कर रही थी. दिक्कत तब शुरू हुई जब उसकी मां को लकवा मार गया.

मां का इलाज चल ही रहा था कि एक दिन पिता भी सीढ़ियों से गिर गए. इसके बाद तो चांदनी की दुनिया घर की चारदीवारी में सिमट गई. माता-पिता की सेवा के लिए चांदनी को 24 घंटे घर में रहना पड़ता था. ऐसे में कमाई के सारे रास्ते बंद हो गए. मजबूर चांदनी ने रिश्तेदारों, परिचितों से मदद मांगी. चांदनी को धक्का तब लगा जब उसके एक परिचित ने मदद के बदले उसका जिस्म मांगा. समाज का ये घिनौना रूप देखकर दंग चांदनी ने तय किया कि जब लोगों की नाजायज मांगें माननी ही हैं तो क्यों न खुलेआम मानी जाए. यही सोचकर उसने अपने फेसबुक पेज पर लिख दिया कि ‘चांदनी बिकाऊ है.’

‘चांदनी राजगौर बिकाऊ है अपने मां-बाप के लिए. मां लकवा के कारण असहाय है, पिता का पैर टूट गया है एक हफ्ते पहले. घर चलाने और मां-बाप की सेवा में हर वक्त हमारी हाजिरी जरूरी हो गई है. इसलिए कुछ सहारा नहीं है. इस भारत की बेटी के पास एक ही चीज बची है- खुद को बेच देना.’

हालांकि, चांदनी ये मानती है कि उसने जो किया वो गलत है लेकिन उसके पास कोई चारा नहीं बचा था. चांदनी के इस कदम की जानकारी जैसे ही सुर्खियों में आई, लोगों में हड़कंप मच गया. इस बीच कुछ अच्छे लोग भी सामने आए जो चांदनी की मजबूरी जानने के बाद उसकी मदद के लिए आगे आए. खुद्दार चांदनी अभी भी लोगों की मदद लेने से हिचकिचा रही है. उसका कहना है कि उसे भीख नहीं चाहिए. चांदनी का कहना है कि जैसे ही उसके माता-पिता ठीक हो जाएंगे वो काम करके लोगों के पैसे लौटा देगी.

नए किस्म का ब्रा छेड़छाड़ से बचाएगा महिलाओं को

नए किस्म का ब्रा छेड़छाड़ से बचाएगा महिलाओं को

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राष्ट्रपति भवन में ऐसी ब्रा का प्रदर्शन किया जाएगा जो महिलाओं को छेड़छाड़ या रेप जैसी घटनाओं से बचाने में मददगार साबित हो सकती है. चंडीगढ़ के इंजीनियर ने ऐसी ब्रा तैयार की है जो छेड़छाड़ करनेवाले को बिजली का तगड़ा झटका देगी.

दिल्ली के 16 दिसंबर गैंगरेप की घटना से चंडीगढ़ की ऐरॉनटिकल इंजीनियर मनीषा मोहन इतनी हिल गईं कि उन्होंने इस बारे में कुछ करने की ठानी. उन्होंने ऐसी ब्रा बनाई है जिससे छेड़छाड़ करनेवाले को करंट का ऐसा झटका लगेगा कि वह बुरी तरह से झुलस जाएगा.

एसआरएम यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट ने इस ब्रा को ऐसे बनाया है कि इसे पहनने वाली महिला को झटका नहीं लगेगा. इस ब्रा से जीपीएस और जीएमएस सिस्टम को इमर्जेंसी मेसेज भी चला जाएगा. इसी तरह के कई सारे आइडिया राष्ट्रपति भवन में होने जा रहे प्रोग्राम ‘इनोवेशन स्कॉलर्स इन रेजिडेंस’ में दिखेंगे.

राष्ट्रपति भवन की तरफ से नए आइडिया लाने और नई खोज करनेवालों को प्रोत्साहित करने के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम चलाया जाता है. इन लोगों को अपने आइडिया को आगे बढ़ाने में मदद मिले, इसके लिए उन्हें बड़े संस्थानों से मिलवाने से लेकर अन्य कई तरह से मदद की जाती है.

सिंपल किटी नहीं ये है स्पीरिचुअल किटी

सिंपल किटी नहीं ये है स्पीरिचुअल किटी

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समय था जब किटी पार्टी महिलाओं के टाइम पास करने का एक जरिया मात्र था लेकिन इन दिनों किटी पार्टी महिलाओं के सिर्फ टाइम पास का जरिया नहीं रहा. अब किटी पार्टी का मकसद सिर्फ मौज मस्ती करना नहीं बल्कि आत्मिक शांति हासिल करना है. पिछले दिनों दिल्ली के कमला नगर की महिलाओं ने किटी पार्टी का आयोजन किया. इस पार्टी  में सिर्फ महिलाओं का मनोरंजन ही नहीं हुआ बल्कि तनाव जैसी बीमारी से निपटने के लिए प्राणिक हीलिंग पर परिचर्चा भी हुई. इस मौके पर सभी मेंबर ने प्राणिक हीलिंग किया. किटी की सदस्य न सिर्फ अपने किटी के सदस्यों के लिए इसका आयोजन करती हैं बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रोमोट करती हैं क्योंकि इनका मानना है कि जब से इन्होंने प्राणिक हीलिंग  करना शुरू किया है जिंदगी के प्रति उनकी सोच बदल गई है. वह जिंदगी के प्रति बहुत पाॅजिटिव हो गई हैं. किटी मेंबर अवनीत का कहना है कि जनरल किटी में गाॅसिप करते हैं लेकिन हमारी किटी अन्य किटी से बिल्कुल अलग है, यहां हम प्राणिक हीलिंग कर इनर हीलिंग करते हैं. इससे हमें अंदर से खुषी मिलती है. ग्रुप में मेडिटेशन करने से इंनर हिलिंग ज्यादा होती है. वहीं मनोरमा सरिया का कहना है कि पहले हम लोगों की किटी कलेक्शन वाली थी. कुछ गेम खेल लेते थे. कुछ गाॅसिप करते थे. लेकिन फिर हमने सोचा कि किटी को एक नया रूप दिया जाए. इसलिए हमने इसका नाम स्पीरिचुअल किटी का नाम दिया और हम सब मिलकर मेडीटेषन करने लगे और हमने महसूस किया जिंदगी के छोटे बड़े शिकवे शिकायत कम होने लगी. हमारी सोच पॉजिटिव हो गई. किटी की सबसे सीनियर मेंबर आशा अग्रवाल कहती हैं कि प्राणिक हीलिंग के बाद मेरी लाइफ बहुत आसान लगने लगी है. मैं यहां से पॉजिटिव एनर्जी लेकर घर जाती हूं और घर के दूसरे सदस्यों को भी इसके लिए प्रोमोट करती हूं. गाइडेड मेडिटेशन होता है इसलिए दिमाग इधर उधर नहीं भटकता. ग्रुप में मेडिटेशन करने से मन नहीं भटकता. यहां की एनर्जी की अलग बात होती है यहा कहना है ममता चिडि़पाल का. वहीं अर्चना कपूर का कहना है कि यहां आने के पहले से ही पॉजिटिव फीलिंग आने लगती हैं यहां आने के बाद एक अलग फीलिंग होती है. यहां सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर खुद को ध्यान लगाते हो तो ध्यान लगाना आसान होता है. मेडिटेषन में वक्त लगता है यह रातों रात आप पर असर नहीं डालता इसके लिए प्रैक्टिस करनी पड़ती है. यह धीरे-धीरे असर डालता है. कोई कितना भी बुरा करें आप उसके प्रति पॉजिटिव थिंकिंग रखें. वहीं रीना नारंग का कहना है कि पिछले चार महीनों से हमने किटी में प्राणिक हीलिंग की शुरुआत की है. इससे किटी का हर सदस्य को फायदा हो रहा है. सभ यहां आकर अपना अपना एक्सपीरियेंस शेयर करते हैं. मेरी जिंदगी में बहुत बदलाव आया है. मुझ पर कभी तनाव हावी नहीं होता. बहुत रिलैक्स महसूस करती हूं. रजनी ग्रोवर का कहना है कि मेरी पूरी लाइफ बदल गई है. मेरा गुस्सा खत्म हो गया है. अब दूसरों की परेशानियों को जल्दी  समझ जाती हूं. मैं खुश रहती हूं और दूसरों को भी खुश रखने की कोशिश करती हूं. किटी के इन सदस्यों के अलावे रुचि, वर्षा,इंदू,काव्या,मुक्ता,अनिता,हर्श, नीरू,नवीना,नैंसी,रजनी,अर्चना,शगुन और ममता ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

इंडिया का डेस्टिनेशन स्‍टोर

इंडिया का डेस्टिनेशन स्‍टोर

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अगर आप अपना स्‍टाइल स्‍टेटमेंटस बदलना चाहते हैं तो आपके लिए बजरिया स्‍टोर बेहतर ऑप्‍शन हो सकता है। मौसम के मिजाज को समझते हुए बजरिया ने अपना विंटर कलेक्‍शन लॉच किया है जो हर व्‍यक्ति की जरूरत है। देश विदेश के 50 से भी ज्‍यादा ब्रॉड इससे जुडे हुए हैं। यहां इको फ्रेंडली प्रोडक्‍ट से लेकर लाइफस्‍टाइल प्रोडक्‍ट मौजूद हैं। यहीं नहीं दुनियाभर के लाइफस्‍टाइल स्‍टफ यहां उचित कीमत पर उपलब्‍ध है। इसलिए इसे डेस्टिनेशन स्‍टोर भी कहा जाता है। फिर देर किस बात की आज ही करें कॉल इस नंबर पर 011 45793261

 

मोदी की पत्नी ने जाहिर की अपनी दिली ख्वाहिश

मोदी की पत्नी ने जाहिर की अपनी दिली ख्वाहिश

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जशोदाबेन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए वे सप्ताह में चार दिन व्रत करती हैं और चावल नहीं खातीं। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा होती है कि वे प्रधानमंत्री के साथ रहे हैं, लेकिन मीडिया हमेशा इसे गलत तरीके से दिखाता है।

वह कहती हैं ‘मैं जाऊंगी और उनकी सेवा करूंगी। वह मुझे बस एक बार बुला लें, मैं साथ चली जाऊंगी। मैं उनके साथ नया जीवन शुरु करना चाहती हूं। लेकिन उन्हें ही पहल करनी होगी।’ उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया से बात करने में कभी भी परेशानी नहीं हुई। लेकिन उन पर ये दबाव डाला जाता रहा कि वे मी‌डिया से बात न करें।

हालांकि जशोदाबेन ने ये नहीं बताया कि उन पर ये दबाव किस ने डाला। उन्होंने बताया,’ मेरी कई बार इच्छा हुई कि मैं बताऊं क‌ि मैं मोदी की पत्नी हूं। मैँ अपनी शादी के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन मैं किससे करती?   जशोदाबेन ने बताया कि वह 43 सालों से नरेंद्र मोदी से अलग रह रही हैं, लेकिन उन्हें संतोष है ‌कि कम से कम वह प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में पहचानी जा रही हैं। 16 मई के बाद जैसे नरेंद्र मोदी का जीवन बदला है, जशोदाबेन की जिंदगी में भी कई त‌ब्दीलियां आई हैं। स्कूल में अध्यापिका रहीं जशोदा अब दिन-रात पुलिस की सुरक्षा में रहती हैं।

गुजरात पुलिस के पांच सिपाही जशोदाबेन के साथ साये की तरह रहते हैं। ये अलग बात है क‌ि जशोदा अगर बाजार जाती हैं तो वे ऑटो से होती हैं और सुरक्षाकर्मी कार में। लगभग 40 साल तक स्कूल में अध्यापिका रही जशोदाबेन अब ठीक से सुन नहीं पाती हैं। वह बनांसकांठा जिले के राजोशाना गांव में एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती ‌थीं।

बड़े ब्रा पहनने वाली महिलाएं होती हैं ज्यादा फिजूलखर्ची

बड़े  ब्रा पहनने वाली महिलाएं होती हैं ज्यादा फिजूलखर्ची

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माना जाता है कि अगर आपके पर्स में ज्यादा पैसे हैं तो आप ज्यादा खर्च करते हैं. लेकिन एक नई रिसर्च ने महिलाओं के संबंध में एक बिल्कुल अलग तथ्य पेश किया है. रिसर्च के अनुसार जिन महिलाओं का ब्रा साइज जितना बड़ा होता है वो उतना ही ज्यादा फिजूलखर्ची होती हैं.

रिसर्च में ये बात निकलकर आई है कि जिन महिलाओं का ब्रा का कप साइज ‘बी’ या इससे कम होता है वो पाई-पाई बजाती हैं. मशहूर ई-कॉमर्स ग्रुप अलीबाबा के अनुसार ज्यादा सम्पन्न महिलाएं लग्जरी चीजों पर पैसे खर्च करती हैं.

रिसर्च के अनुसार ‘बी’ साइज ब्रा वाली सिर्फ 7 फीसदी महिलाएं महंगी चीजों पर पैसे खर्च करती हैं, जबकि ‘सी’ साइज वाली 17, ‘डी’ साइज वाली 24 और ‘ई’ साइज ब्रा पहनने वाली 33 फीसदी महिलाएं महंगी चीजों पर जमकर पैसा खर्च करती हैं.

अलीबाबा की इस रिसर्च में पाया गया कि बी साइज ब्रा पहनने वाली 65 फीसदी महिलाएं सस्ती चीजों पर पैसा खर्च करती हैं. जबकि सी साइज वाली महिलाएं बी साइज वालों के मुकाबले ज्यादा महंगी चीजों पर पैसे खर्च करती हैं. इसके पीछे एक और अन्य कारण भी गिनाया गया है. कहा गया है कि हो सकता है युवा महिलाएं, जिनके पास खर्च करने के लिए कम पैसे होते हैं वे छोटी ब्रा खरीदती हैं.

 

iPhone 6 की खातिर गर्लफ्रेंड किराए पर दिया

iPhone 6 की खातिर अपनी गर्लफ्रेंड किराए पर दे रहा है स्टूडेंट!

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एप्पल के आईफोन के लिए दीवानगी तो आम है, लेकिन चीन के एक छात्र पर आईफोन के लिए दीवानगी इस कदर चढ़ गई कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड को किराए पर देने का फैसला कर लिया है.

यह अजीबोगरीब मामला है चीन के शहर शंघाई के शोंगझियांग यूनिवर्सिटी का, जहां एक छात्र ने आईफोन 6 खरीदने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड को किराए पर देने की बात कही है. इसके लिए उसने सोशल मीडिया पर विज्ञापन भी दिया. इतना ही नहीं, वो छात्र कॉलेज कैंपस में प्लाकार्ड भी लेकर इसका विज्ञापन कर रहा है.

इस विज्ञापन में छात्र ने घंटे, दिन और महीने के हिसाब से रेट भी लिख रखा है. मसलन एक घंटे के लिए 10 चीनी येन, एक दिन के लिए 50 चीनी येन और एक महीने के लिए 500 चीनी येन.

चीन में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले एक स्कूली छात्र ने आईफोन के लिए अपनी किडनी बेच दी थी.

टीवी स्‍टार बनने के लिए बनवाया तीसरा स्तन

टीवी स्‍टार बनने के लिए बनवाया तीसरा स्तन

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फ्लोरिडा की एक महिला का दावा है कि उसने सर्जरी के जर‍िये तीसरा ब्रेस्ट बनवाया है. 21 साल की जैसमीन ट्रीडेविल (काल्पन‍िक नाम) का कहना है कि यह सब उन्होंने टीवी शो में जगह बनाने के लिए किया है. इसके लिए उन्होंने करीब 20 हजार डॉलर खर्च किया है. उन्होंने बताया कि करीब 50 से अधिक डॉक्टरों ने सर्जरी करने से इनकार कर दिया था. सारे डॉक्टरों ने नैतिकता के आधार पर तीसरा ब्रेस्ट जोड़ने से मना कर दिया था. काफी कोशिश के बाद वह एक ऐसे डॉक्टर से मिली जो ब्रेस्ट जोड़ने के लिए राजी हो गया.

अमेरिकन बोर्ड की प्लास्टिक सर्जरी के एथ‍िकल कोड के मुताबिक डॉक्टरों का काम मानवता के साथ मानव गरिमा की रक्षा करना है. कॉस्मेटिक सर्जन को इस नियम का पालन करने की सख्त हिदायत रहती है. जैसमीन ने हाल ही में अपना 21वां जन्मदिन मनाया है. इस मौके पर उसने दर्जनों फोटो फेसबुक पर शेयर किए. जैसमीन ने कहा कि डॉक्टर ने तीसरा ब्रेस्ट बनाने के लिए टिश्यू उसके पेट से लिया है. जैसमीन के अनुसार सर्जरी के बाद उनकी मां और बहन उनसे बात नहीं कर रही है. उनके पिता भी उनसे खुश नहीं हैं लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है.

 

जैसमीन को इसका कोई मलाल नहीं है कि उन्होंने स्टार बनने के लिए यह सब कुछ किया. एक रेडियो चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में उसने कहा कि उसका सपना है कि वह एमटीवी के शो Jasmine’s Jugs में दिखें. वहीं, जैसमीन के इस कदम का विरोध भी होना शुरू हो गया है. अमेरिकन सोसाइटी प्लास्टिक सर्जन के अध्यक्ष स्कॉट ग्लासबर्ग जैसमीन के इस कदम से काफी खफा हैं. उन्होंने कहा कि इससे बुरी कोई चीज हो ही नहीं सकती. उनका मानना है कि यह सोसाइटी के लिए नुकसानदायक है.

 

ग्लासबर्ग ने कहा है कि प्लास्टिक सर्जरी के नेशनल बोर्ड में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि वह जैसमीन से ऑपरेशन से पहले भी मिल चुके हैं. ग्लासबर्ग ने कहा कि ऐसा करने के पीछे सिर्फ स्टारडम हासिल करने का मकसद है. वहीं, जैसमीन ने कहा, ‘मैंने तीसरा ब्रेस्ट इसलिए जोड़ा ताकि पुरुष मेरी तरफ आकर्षित न हों.’ जैसमीन का नया लुक 1990 में आई फिल्म ‘टोटल रिकॉल’ के एक सेक्स वर्कर से मिलता जुलता है.

‘सरवाइकल कैंसर’ से निजात पाना अब हुआ आसान

‘सरवाइकल कैंसर’ से निजात पाना आसान

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पिछले दिनों ‘आस’ एनजीओ ने लोदी रोड स्थित ‘इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर’ में ‘सरवाइकल कैंसर’पर सेमीनार का आयोजन किया. एषियन सेंटर के डायरेक्टर और चीफ कैंसर सर्जन डाक्टर अंशुमन कुमार ने महिलाओं को सरवाइकल कैंसर की विस्तृत जानकारी दी और यह भी बताया कि कैंसर को अगर पहले स्टेज पर ही पहचान लिया जाए तो मरीज की जान बच सकती हैं. इससे बचने के उपाय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला. इस मौके पर पर्सनालिटी डेवलपमेंट मेंटोर रीता गंगवानी ने भी महिलाओं को पर्सनालिटी को ग्रूम करने तथा बाडी लैंग्वेज को पहचान करने के तरीके बताएं.

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इस मौके पर टीवी स्टार नेहा सरगम, एकता तिवारी, रिचा सोनी, आंचल खुराना, संवी तलवार और संजु कटारिया भी उपस्थित थी. टीवी स्टार से लोगों ने तरह तरह के सवाल पूछें. किसी ने पूछा कि टीवी सीरियल में सास बहू के झगड़ों से ही संबंधित सीरियल क्यों दिखाए जाते हैं. इसपर टीवी एक्ट्रेस ने कहा कि चूंकि दोपहर का समय उन महिलाओं के नाम होता है जो घर पर होती हैं. उन्हें अगर उनसे जुड़ी हुई सीरियल दिखाएंगे तो वे इंटरटेन होती हैं. टीवी सीरियल का उद्ेष्य लोगों का मनोरंजन करना है न कि रिश्‍ते  में कड़वाहट घोलना.

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‘आस’ की प्रेसीडेंट वर्षा गोयल ने कहा कि हमारा मकसद सरवाइकल कैंसर के प्रति देश भर की महिलाओं को जागरुक करना है. हमारी एक छोटी सी पहल समाज में एक बड़ा बदलाव लाएगा और ये दुनिया हमारे रहने के लिए उपयुक्त जगह बन जाएगी. इस मौके पर दिल्ली के कोने कोने से लगभग 500 महिलाएं उपस्थित थी.